ऐसा भी होगा..............
जिदंगी इतनी आसान
न होगी
हर मोड़ पर
कसौटियां होगी ,
उम्मीद से पहले
सोचना होगा
रिश्तों में कुछ
खामियां होगी ,
बहुत मुश्किल है
सब को खुश रखना
कहीं न कहीं
नाराजगियंा होगी,
मुस्कुराहट
हरदम साथ न होगी
कभी साथी
सिसकियां होगी,
किनारा ही न
मिलेगा सदा
मझधार में किश्तिया होगी
..........किरण राजपुरोहित नितिला
5 टिप्पणियां:
Sunadar rachana...Badhai!!
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
jindagi ki kadabi haqikat likh dali.kahi na kahi kuch na kuch kami jarur rah jati hai.sabko khush rakh pana sambhb nahi.
बढ़िया भाव!
"किनारा ही न
मिलेगा सदा
मझधार में किश्तिया होगी"
धरातल से जुड़ी,
सत्यता का बोध कराती,
इस रचना के लिए आपको बधाई!
"किनारा ही न
मिलेगा सदा
मझधार में किश्तिया होगी"
जीवन सत्य.
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