इक यह करना!!!
स्मृतियों को बस जिंदा रखना
अतीत से एक रिश्ता रखना
कितनी भी दूर चले जाओ
मिलने की एक जगह रखना
जीवन जायका कम न होगा
दिल में मीठी याद रखना
नन्हे नादान की भोली जिद
और बुजुर्गों की बात रखना
.........किरण राजपुरोहित नितिला
2 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर रचना प्रस्तुत की है आपने!
अमर भारती पहेली विजेता के प्रमाणपत्र को
अपने ब्लॉग के साइडबार मे लगाइएगा!
best kavita hai ..........nice very nice
http://www.expriment80.blogspot.com/
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