बुधवार, 10 जून 2009


छू कर मेरे मन को


-जैसे हीरा रोशनी के सामने चमक उठता है ठीक वैसे ही मनुष्य पुस्तकों के संपर्क में आकर ज्ञान का पुंज बन सकता है।

-संभावनाओं को अच्छाई में बदलने के लिये हमेशा जोखिम उठाना पड़ता है।

-कोई व्यक्ति जिस हद तक जोखिम से बचना चाहता है उसी हद तक वह डरा होता है।

-असफलता की आशंका के चलते काम टालने से डर और ताकतवर बनता है।