सोमवार, 1 जून 2009


छू कर मेरे मन को

-वह व्यक्ति जिसने कष्ट नहीं भोगा,अपनी शक्तियों से अपरिचित रहता है।

-सुख-दुख और जीवन -मृत्यु बिना मांगे अपने आप मिल जाते है।

-दिन में सपने देखने वाले ऐसी बातें भी जान जाते है जिनकी तरफ रात में सपने देखने वालों का ध्यान नहीं जाता है।

-जब आदमी रोता है,तब सबसे सच्चा होता है,उजला होता है। रोना कायरता की नहीं खुद का सामना करने की ताकत की निशानी है।


वे़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़ा.................

उदास चेहरा 
वो दबी सफेद साड़ी में 
गीली आंखें 
आसमां देखती खिड़की से,
वर्ष घिसटती 
काले सीले कमरे में,
रंगों से बहुत दूर 
पटकी गई कोने में,
बांधी गई 
रिवाज मजबूरी के खूंटे से
वो चहकती चिड़िया
बैठी थी
बाबुल के मुंडेर पर,
सफेद रंग छूटे 
सतरंगे सपने जागे
 देखे नीला आसमां 
आस भरी आंखें
 उसके आंगन 
हवा झूमेगी खुशी से
तब ये आंखें
 छलकेंगी खुशी से!!!!!!!!

-किरण राजपुरोहित नितिला

ऐ खुदा
खुदा यूं आलम कर जहां में
नेकनीयती भर फिजां में
बिखरा खुशियों की फुहार
म्ुाझसे कर इतना करार

हर घर दाल रोटी की दावत हो
दिल में ईमान शराफत हो
फिर कर सुकूं की बौछार
मुझसे कर इतना करार

हिना से महके गोरे हाथ
दुलहन बेटी देखे हर बाप 
बहू पर न हो कोई अंगार
मुझसे कर इतना करार

एक दूजे के गम में शरीफ 
ब्ूाढे केा बेटा चैक को नीम नसीब
हर तरफ हो सुहाना आबशार
म्ुाझसे कर इतना करार

--किरण राजपुरोहित नितिला