शनिवार, 3 जुलाई 2010

नन्ही परी


नन्ही परी
देख तेरे आंगन आई नन्ही परी
हर तरफ से देखो
वह प्रेम से भरी,
सुनकर उसकी कोयल सी आवाज
चला आये तू उस आगाज़
जहां वह खेल रही
देख तेरे अँागन आई नन्ही परी,
वह ले जाती तुझे   
 किसी और लोक में
जब होती वह
तेरी कोख में
तेज आवाज सुन
वह दुनिया से डरी
देख तेरे आँगन
आई नन्ही परी,
रौनक वह आँचल
में लेकर आई,
पास है उसके
चंचलता की झांई
जिसके छूकर
तू हो गई हरी
देख तेरे आँगन
आई नन्ही परी ..... रुचि राजपुरोहित 'तितली'

3 टिप्‍पणियां:

Randhir Singh Suman ने कहा…

nice

सुनील गज्जाणी ने कहा…

किरण जी ,
नमस्कार !
''नन्ही परी ''' बेहद प्यारी लगी ,
साधुवाद
--

बेनामी ने कहा…

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