सोमवार, 1 फ़रवरी 2010

कविता

इक यह करना!!!

स्मृतियों को बस जिंदा रखना
अतीत से एक रिश्ता रखना

कितनी भी दूर चले जाओ
मिलने की एक जगह रखना

जीवन जायका कम न होगा
दिल में मीठी याद रखना

नन्हे नादान की भोली जिद
और बुजुर्गों की बात रखना

.........किरण राजपुरोहित नितिला

2 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना प्रस्तुत की है आपने!
अमर भारती पहेली विजेता के प्रमाणपत्र को
अपने ब्लॉग के साइडबार मे लगाइएगा!

MY EXPRIMENT ने कहा…

best kavita hai ..........nice very nice
http://www.expriment80.blogspot.com/